मंगलवार, जुलाई 1, 2025
होमSocietyवक्फ संशोधन कानून 2025: सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून को लेकर सुनवाई,...

वक्फ संशोधन कानून 2025: सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून को लेकर सुनवाई, तुषार मेहता का आश्वासन और राजनीतिक महत्व

Published on

spot_img
Follow Us : Google News WhatsApp

KKN गुरुग्राम डेस्क | भारत में वक्फ कानून और इसके संशोधन को लेकर हाल ही में एक बड़ा कानूनी विवाद सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। यह मामला वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन से जुड़ा हुआ है। वक्फ संशोधन कानून, 2025 के तहत कुछ ऐसे प्रावधान हैं जिन पर विवाद उठने लगे हैं, और इन प्रावधानों को लेकर मुस्लिम समुदाय और अन्य पक्षों में विरोध हुआ है। इस लेख में हम वक्फ संशोधन कानून के विवादास्पद प्रावधानों, सुप्रीम कोर्ट में हो रही सुनवाई और तुषार मेहता द्वारा दी गई आश्वासन की चर्चा करेंगे।

वक्फ संशोधन कानून 2025 के विवादास्पद प्रावधान

वक्फ कानून का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाना और उनकी प्रशासनिक कार्यप्रणाली को सुधारना है। लेकिन वक्फ संशोधन कानून, 2025 के कुछ प्रावधानों ने विवाद खड़ा कर दिया है। इन प्रावधानों में सबसे बड़ा विवाद वक्फ बाय यूजर और वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति से जुड़ा हुआ है।

  1. वक्फ बाय यूजर: इस प्रावधान के तहत वक्फ संपत्तियों की स्थिति में बदलाव करने का अधिकार दिया गया है, जिससे कई समुदायों के बीच असहमति पैदा हुई है। इसके समर्थकों का कहना है कि इससे वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार होगा, जबकि विरोधियों का कहना है कि यह प्रावधान धार्मिक संपत्तियों के नियंत्रण को कमजोर कर सकता है।

  2. वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति: वक्फ बोर्ड पर मुस्लिम समुदाय का प्रभुत्व होता है, लेकिन इस नए संशोधन में गैर-मुस्लिमों को भी इन बोर्डों में शामिल करने का प्रस्ताव है। यह प्रावधान मुस्लिम समुदाय के एक हिस्से को आपत्ति का कारण बना है, क्योंकि इसे उनके धार्मिक अधिकारों में हस्तक्षेप माना जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून पर सुनवाई

वक्फ संशोधन कानून के इन विवादास्पद प्रावधानों को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुँच गया है। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ, जिसकी अध्यक्षता सीजेआई संजीव खन्ना कर रहे हैं, मामले की सुनवाई कर रही है। सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता इस मामले में सरकार का पक्ष रख रहे हैं, जबकि मुस्लिम पक्षकारों की ओर से कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी जैसे दिग्गज वकील दलीलें दे रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने दो विवादास्पद प्रावधानों पर अमल रोकने का आश्वासन दिया है। उन्होंने अदालत को यह बताया कि वक्फ बाय यूजर और वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति के प्रावधानों पर अभी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। इस कदम को सुप्रीम कोर्ट में संभावित विपरीत फैसले से बचने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

तुषार मेहता का आश्वासन: क्यों लिया गया यह कदम?

तुषार मेहता ने इन दो प्रावधानों पर रोक लगाने का आश्वासन सुप्रीम कोर्ट में दिया, और इसके पीछे कुछ खास कारण हैं। इसका संबंध उन फैसलों से है, जो सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 और राजद्रोह कानून से जुड़े मामलों में दिए थे।

  1. अनुच्छेद 370 का मामला: सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 को हटाने के मामले में सुनवाई हो रही थी, जिसमें यह सवाल उठाया गया था कि क्या संसद किसी राज्य की विशेष स्थिति को खत्म कर उसे एक संघ शासित क्षेत्र बना सकती है। इस पर केंद्र ने दलील दी कि इस मामले में कोई न्यायिक फैसला नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर विचार किया जा रहा था। कोर्ट ने इस पर कोई फैसला नहीं दिया। इस मामले ने सरकार को सुप्रीम कोर्ट के रुख को समझने में मदद की।

  2. राजद्रोह कानून पर फैसला: सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून को असंवैधानिक करार दिया था। इसके बाद सरकार को अपने रुख पर पुनः विचार करना पड़ा। तुषार मेहता ने वक्फ संशोधन कानून के मामले में इन फैसलों से सिख लिया और आश्वासन दिया कि विवादित प्रावधानों पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जाएगी।

राजनीतिक दृष्टिकोण और वक्फ संशोधन कानून का प्रभाव

वक्फ संशोधन कानून का मामला न केवल कानूनी बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यह कानून धार्मिक स्वतंत्रता और समुदायों के अधिकारों से जुड़ा हुआ है, जो राजनीतिक दलों के लिए एक संवेदनशील मुद्दा बन चुका है। बीजेपी और कांग्रेस जैसी प्रमुख पार्टियाँ इसे अपने-अपने तरीके से प्रचारित कर रही हैं।

विरोधी दलों का कहना है कि वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण में सरकार का हस्तक्षेप धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन हो सकता है। वहीं, सरकार का तर्क है कि यह संशोधन सुधारात्मक कदम है, जो वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी और कार्यक्षम बनाएगा।

केंद्र सरकार और मुस्लिम समुदाय के बीच तनाव

वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान, यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार और मुस्लिम समुदाय के बीच मतभेद गहरे हैं। मुस्लिम संगठनों ने इस कानून के प्रावधानों को धार्मिक हस्तक्षेप के रूप में देखा है, जिससे उनके धार्मिक संस्थाओं पर प्रभाव पड़ेगा। दूसरी ओर, सरकार इसे वक्फ संपत्तियों के प्रभावी प्रबंधन के लिए आवश्यक मानती है।

इस विवाद का राजनीतिक असर आगामी चुनावों में भी देखा जा सकता है, जहां मुस्लिम समुदाय के वोटों को लेकर दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ी हुई है। अगर सुप्रीम कोर्ट इस कानून के पक्ष में निर्णय देती है, तो यह सरकार के लिए एक राजनीतिक जीत हो सकती है, जबकि इसका असर मुस्लिम समुदाय में असंतोष को जन्म दे सकता है।

सुप्रीम कोर्ट के संभावित फैसले और उसके प्रभाव

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून पर सुनवाई का मामला अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आ गया है। अगर कोर्ट ने सरकार के पक्ष में फैसला दिया, तो यह वक्फ प्रबंधन के लिए एक ऐतिहासिक कदम हो सकता है, जो धार्मिक संस्थाओं के प्रबंधन को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाएगा।

वहीं, अगर कोर्ट ने इस कानून के कुछ प्रावधानों को असंवैधानिक करार दिया, तो यह सरकार के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है और इसके राजनीतिक परिणाम दूरगामी हो सकते हैं। मुस्लिम समुदाय और विपक्षी दल इस फैसले का स्वागत कर सकते हैं, जबकि सरकार को इसका विरोध करना होगा।

वक्फ संशोधन कानून 2025 सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के कारण देशभर में चर्चाओं का विषय बना हुआ है। तुषार मेहता द्वारा दिए गए आश्वासन और सरकार की स्थिति ने इस मामले को और भी दिलचस्प बना दिया है। वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन से जुड़े विवादास्पद प्रावधानों को लेकर मुस्लिम समुदाय और सरकार के बीच गहरा राजनीतिक और कानूनी संघर्ष जारी है। सुप्रीम कोर्ट का आने वाला फैसला इस मुद्दे के राजनीतिक और कानूनी भविष्य को तय करेगा।


Discover more from

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Latest articles

Anupama Upcoming Episode : राही की डांस एकेडमी में बाधा बनी ख्याति

स्टार प्लस का पॉपुलर टीवी शो "अनुपमा" हर हफ्ते कुछ ऐसा नया लेकर आता...

हफ्ते में एक बार सुबह पिएं गिलोय का रस, इन 7 बीमारियों से मिलेगी छुट्टी

आयुर्वेद में सदियों से इस्तेमाल हो रही एक औषधि, जिसका नाम है गिलोय (Tinospora...

करीना कपूर के माता-पिता 37 साल बाद फिर साथ रहेंगे रणधीर कपूर और बबिता

बॉलीवुड अभिनेत्री करीना कपूर खान ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपनी निजी...

क्या बबीता जी अब कभी नहीं लौटेंगी ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में? मुनमुन दत्ता ने खुद तोड़ी चुप्पी

भारत का सबसे लोकप्रिय कॉमेडी शो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ (TMKOC) इन दिनों...

More like this

हफ्ते में एक बार सुबह पिएं गिलोय का रस, इन 7 बीमारियों से मिलेगी छुट्टी

आयुर्वेद में सदियों से इस्तेमाल हो रही एक औषधि, जिसका नाम है गिलोय (Tinospora...

National Doctors Day 2025: जानें डॉक्टर्स डे की थीम, इतिहास और डॉक्टरों के मानसिक स्वास्थ्य पर इसका महत्व

हर वर्ष 1 जुलाई को भारत में नेशनल डॉक्टर्स डे यानी राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस...

आज का राशिफल 1 जुलाई 2025: मकर से मीन तक को मिलेगा पारिवारिक सुख

1 जुलाई 2025, मंगलवार का दिन मकर, कुंभ और मीन राशि वालों के लिए...

बिहार के 11 जिलों में भारी बारिश, दक्षिण बिहार में ठनका और बिजली गिरने की चेतावनी

बिहारवासियों को मौसम को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि मौसम विभाग ने...

112 साल पहले बनी बॉलीवुड की पहली डबल रोल वाली फिल्म

बॉलीवुड को आज इस मुकाम तक पहुंचाने में दादा साहब फाल्के का महत्वपूर्ण योगदान...

चीन का दावा: दलाई लामा के चयन का अधिकार केवल चीन के पास, यह परंपरा 1793 से चली आ रही है

चीन ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया है कि दलाई लामा के चयन...

कल से लागू होगा नया नियम: तत्काल टिकट बुकिंग के लिए IRCTC अकाउंट को आधार से कैसे लिंक करें

IRCTC को आधार से लिंक कैसे करें: कल यानी 1 जुलाई 2025 से एक...

आज का राशिफल, 30 जून 2025: मकर, कुंभ और मीन राशियों के लिए राशिफल

30 जून 2025 का राशिफल मकर, कुंभ और मीन राशि के लोगों के लिए...

बिहार के 12 जिलों में भारी बारिश और तूफान की चेतावनी

बिहार में सोमवार को मौसम काफी बदल सकता है। पटना में बादल छाए रहेंगे,...

सीतामढ़ी में भव्य मां जानकी मंदिर का निर्माण: अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर पुनौराधाम का विकास

सीतामढ़ी को एक प्रमुख तीर्थस्थल के रूप में बदलने के लिए एक विशाल परियोजना...

बिहार चुनाव 2025 से पहले चुनाव आयोग ने शुरू किया विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दृष्टिगत, चुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान की...

पुरी रथ यात्रा के दौरान गुडिंचा मंदिर में भगदड़: तीन की मौत, 50 से अधिक घायल

पुरी, ओडिशा में रथ यात्रा के दौरान एक दुखद घटना घटी, जब गुडिंचा मंदिर...

आज का राशिफल: 29 जून 2025 – जानें किस राशि के लिए होगा शुभ और किसके लिए सामान्य

राशिफल का निर्धारण ग्रह-नक्षत्रों की चाल और उनकी स्थिति से किया जाता है। यह...

बिहार में मौसम का बदलाव: राज्य में भारी बारिश का अलर्ट

बिहार में मौसम में आज से बड़ा बदलाव होने की संभावना है। भारतीय मौसम...

पटना आ रहे बाबा बागेश्वर, गांधी मैदान में होगा सनातन महाकुंभ, लाखों श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना

बिहार की राजधानी पटना एक ऐतिहासिक आध्यात्मिक आयोजन की तैयारी कर रही है। देशभर...
Install App Google News WhatsApp